थोड़े से शोरे या नौसादर को एक परखनली में जल के साथ घोलने पर परखनली को छूने पर ठंडी क्यों लगती है?
कुछ अभिक्रियायें ऐसी होती है जो पूर्ण होने में वातावरण से ऊष्मा-ग्रहण करती है ऐसी अभिक्रियाओं को ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहत…
कुछ अभिक्रियायें ऐसी होती है जो पूर्ण होने में वातावरण से ऊष्मा-ग्रहण करती है ऐसी अभिक्रियाओं को ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहत…
साबुन का जलीय विलयन क्षारीय प्रकृति का होता है अतः यह वस्त्रों एवं हाथों की चमड़ी के लिये हानिकारक है।जबकि अपमार्जक का जल…
चन्द्रमा तारों की तुलना में आकार में बड़ा होता है तथा आँख के आकार की तुलना में कई किरणें भेजता है। अतः किरणों की संख्या म…
पृथ्वी की सतह से ऊपर लगभग 350 किमी. तक वायुमंडल है। पृथ्वी की सतह के समीप वायु का घनत्व अधिक एवं ऊपर की परतों का घनत्व क…
नीले थोथे में क्रिस्टल जल उपस्थित होता है और इसी क्रिस्टल जल के कारण नीले थोथे का रंग नीला होता है। जब नीले थोथे को गरम …
एक जार में खाने के सोडे के संतृप्त विलयन में सिरका डालकर नेफ़्थलीन की बॉल डालने पर बॉल नीचे से ऊपर व ऊपर से नीचे की ओर गत…
पानी जैसे-जैसे ठंडा होता है उसके आयतन में कमी आती जाती है और ये भारी होता जाता है 4°C तापमान पर पानी का घनत्व सब…
कठोर जल में केल्सियम व मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट तथा बाई कार्बोनेट के लवण घुले रहते है अतः ये लवण साबुन के साथ क्रि…
शीशी को गरम करने पर इसके अन्दर की हवा गरम होकर फैलती है और गुब्बारे में पहुँचकर उसे फुला देती है।
जो भार पूरी ताकत लगाने पर भी नहीं उठता वही घिरनियों की मदद से बड़े आराम से उठ जाता है क्योंकि घिरनियों के प्रयोग से घर्षण…