फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है।
कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी। यह योजना मौजूदा ‘फेम इंडिया वन’ का विस्तारित संस्करण है। ‘फेम इंडिया वन’योजना 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी।
कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी। यह योजना मौजूदा ‘फेम इंडिया वन’ का विस्तारित संस्करण है। ‘फेम इंडिया वन’योजना 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी।
वित्तीय प्रभावः
फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण 2019-20 से 2021-22 तक तीन वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। इसके लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।प्रभावः
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों के तेजी से इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इसके लिए लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में शुरूआती स्तर पर प्रोत्साहन राशि देने तथा ऐसे वाहनों की चार्जिंग के लिए पर्याप्त आधारभूत ढांचा विकसित करना है। यह योजना पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा जैसी समस्याओं का समाधान करेगी।विवरणः
- बिजली से चलने वाली सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर जोर।
- इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर होने वाले खर्चों के लिए मांग आधारित प्रोत्साहन राशि मॉडल अपनाना, ऐसे खर्च राज्य और शहरी परिवहन निगमों द्वारा दिया जाना।
- सार्वजनिक परिवहन सेवाओं और वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए पंजीकृत 3 वॉट और 4 वॉट श्रेणी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन राशि।
- 2 वॉट श्रेणी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में मुख्य ध्यान निजी वाहनों पर केन्द्रित रखना।
- इस योजना के तहत 2 वॉट वाले 10 लाख, 3 वॉट वाले 5 लाख, 4 वॉट वाले 55,000 वाहन और 7000 बसों को वित्तीय प्रोत्साहन राशि देने की योजना है।
- नवीन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि का लाभ केवल उन्हीं वाहनों को दिया जाएगा, जिनमें अत्याधुनिक लिथियम आयोन या ऐसी ही अन्य नई तकनीक वाली बैट्रियां लगाई गई हों।
- योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है इसके तहत महानगरों, 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों, स्मार्ट शहरों, छोटे शहरों और पर्वतीय राज्यों के शहरों में तीन किलोमीटर के अंतराल में 2700 चार्जिंग स्टेशन बनाने का प्रस्ताव हैं।
- बड़े शहरों को जोड़ने वाले प्रमुख राजमार्गों पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है।
- ऐसे राजमार्गों पर 25 किलोमीटर के अंतराल पर दोनों तरफ भी ऐसे चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है।