क्या है जेनेवा कन्वेंशन? सब कुछ जो आप को जानना चाहिये !
हाल ही में भारत की एक मिग विमान हादसे का शिकार हो गया और उसमें सवार विंग कमांडर ‘अभिनंदन वर्तमान’ लापता हो गये हैं. पाकिस्तान का दावा है कि भारत का लापता पायलट अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान सेना के कब्जे में है.
पाकिस्तान ने कहा है कि उसके साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा. भारत ने इसे लेकर कहा है कि पाकिस्तान जल्द से जल्द हमारे पायलट को वापस लौटा दे. भारत ने कहा है कि जब तक वह हिरासत में है उसके साथ जेनेवा कन्वेंशन (Geneva Convention) के तहत व्यवहार किया जाना चाहिए.
जेनेवा कन्वेंशन क्या है?
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जेनेवा कन्वेंशन की खास बातें:
- • जेनेवा कन्वेंशन के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाएगी.
- • इसके तहत उन्हें खाना-पीना और युद्ध की सभी जरूरी चीजें मुहैया कराई जाएगी.
- • इस कन्वेंशन के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता.
- • किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है वह इस संधि के तहत आ जाता है.
- • जेनेवा कन्वेंशन के मुताबिक उसे डराया-धमकाया नहीं जा सकता.
- • इसके तहत युद्धबंदी से उसकी जाति, धर्म, जन्म आदि के बारे में नहीं पूछा जा सकता.
जेनेवा कन्वेंशन कब और क्यों हुआ? |
पहला जेनेवा समझौता वर्ष 1864 में हुआ था. दूसरा समझौता वर्ष 1906 और तीसरा वर्ष 1929 में हुआ. जेनेवा कन्वेंशन पर दूसरे विश्वयुद्ध के बाद वर्ष 1949 में चौथी सहमति बनी. युद्ध के दौरान भी मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए जेनेवा समझौता हुआ था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वर्ष 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी जो कि अब तक लागू है. इसमें युद्धबंदियों के अधिकार तय किये गये हैं. उसके खिलाफ मुकदमा भी इन्हीं नियमों के तहत चलाया जा सकता है. युद्धबंदी को लौटाना भी होता है. |
भारत ने वर्ष 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के लगभग 93 हजार सैनिकों को युद्धबंदी बना लिया था. जिन्हें बाद में सुरक्षित छोड़ दिया गया था.
स्रोत: जागरण