- केसरिया जी का मंदिर उदयपुर से लगभग 40 किमी. दूर गाँव ‘धूलेव’ में स्थित भगवान ऋषभदेव का मन्दिर है। यह प्राचीन तीर्थ अरावली पर्वतमाला की कंदराओं के मध्य कोयल नदी के किनारे पर स्थित है। ऋषभदेव मन्दिर को जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ माना जाता है।
- यह प्राचीन तीर्थ अरावली पर्वतमाला की कंदराओं के मध्य कोयल नदी के किनारे स्थित है। ऋषभदेव मंदिर को जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ माना जाता है।
- यह मंदिर न केवल जैन धर्मावलंबियों अपितु वैष्णव हिन्दू लोगों तथा मीणा और भील आदिवासियों एवं अन्य जातियों द्वारा भी पूजा जाता है। भगवान ऋषभदेव को तीर्थयात्रियों द्वारा अत्यधिक मात्रा में केसर चढ़ाए जाने के कारण ‘केसरियाजी’ कहा जाता है।
- यहाँ प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान ‘आदिनाथ’ या ‘ऋषभदेव’ की काले रंग की प्रतिमा स्थापित है। यहाँ के आदिवासियों के लिए ये केसरियाजी कालिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध व पूजित हैं।
- मंदिर में काले पत्थर का एक-एक हाथी दोनों द्वारों की ओर खड़े हुए हैं। हाथी के पास एक हवनकुंड उत्तर की तरफ़ बना है, जहाँ नवरात्रि के दिनों में दुर्गा का हवन होता है। उक्त द्वार के दोनों ओर के ताखों में से एक में ब्रह्मा की तथा दूसरे में शिव की मूर्ति है। सीढ़ियों के ऊपर के मंडप में मध्यम क़द के हाथी पर बैठी हुई मरुदेवी की मूर्ति है। मंडप में 9 स्तम्भों के होने के कारण यह नौ-चौकी के रूप में जाना जाता है।
- मन्दिर के उक्त द्वार के बाहर उत्तर के ताख में शिव तथा दक्षिण के ताख में सरस्वती की मूर्ति स्थापित है। वहाँ पर खुदे अभिलेख इसे विक्रम संवत 1676 में बना बताते हैं।
राजस्थान के अन्य प्रमुख लोकदेवता
- शाकम्भरी माता = शाकम्भरी माता सांभर में स्थित है।
- सीमल माता = सीमल माता बसंतगढ़, सिरोही में स्थित है।
- हर्षनाथ जी = हर्षनाथ जी सीकर में स्थित है।
- शिला देवी = शिला देवीआमेर में स्थित है।
- कैला देवी = करौली में स्थित है।
- ज्वाला देवी = ज्वाला देवी, जोबनेर में स्थित है।
- कल्ला देवी = कल्ला देवी सिवाना में स्थित है।
- खैरतल जी = खैरतल जी अलवर में स्थित है।
- करणी माता = करणी माता देशनोक (बीकानेर) में स्थित है।
राजस्थान GK नोट्स