राजस्थान में उद्योग एवं ऊर्जा {Industry and Energy in Rajasthan} राजस्थान GK अध्ययन नोट्स

  • राजस्थान में सितम्बर 2015 के अनुसार कुल ऊर्जा उत्पादन 16900 MW है जिसमें से कोयले द्वारा 9400 MW, जल विद्युत परियोजनाओं द्वारा 1720, गैस द्वारा 825 MW, गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों से 4400 MW बिजली का उत्पादन शामिल है ।
  • जून 2015 में राजस्थान गुजरात को पछाड़ते हुए देश मे सौर ऊर्जा (1167 MW) का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बना ।
  • ऊर्जा स्रोतों को दो भागों में विभक्त किया जाता है: परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत जैसे कोयला (थर्मलपावर) खनिज तेल (पेट्रोलियम), जल विद्युत एवं अणु शक्ति। गैर-परम्परागत अथवा ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत जैसे: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, बायो गैस आदि। राजस्थान में उपर्युक्त दोनों प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत उपलब्ध है।
  • ऊर्जा के प्राथमिक और प्रारम्भिक स्रोतों में कोयला प्रमुख है, राजस्थान राज्य कोयला प्राप्ति की दृष्टि से निर्धन है और यहाँ केवल लिग्नाइट प्रकार का कोयला प्राप्त होता है। इसे भूरा कोयला भी कहा जाता है। इसमें कार्बन की मात्रा 45 से 55 प्रतिशत तक होती है और यह धुआं अधिक देता है, अतः इसका औद्योगिक उपयोग नहीं होता।
  • राजस्थान में लिग्नाइट कोयला बीकानेर जिले के पलाना क्षेत्र में प्राप्त होता है। पलाना के अतिरिक्त खारी, चान्नेरी, गंगा सरोवर, मुंध, बरसिंगसर आदि में भी कोयला मिलता है। बीकानेरक्षेत्र में लगभग 56,000 टन कोयला प्रतिवर्ष निकाला जाता है।
  • भारत सरकार के जवाहरलाल नेहरू सोलर मिशन के तहत जोधपुर जिले के बडला गांव में दुनिया के सबसे बड़े सोलर पार्क का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था। योजना के अनुसार यहाँ वर्ष 2018 तक यहां चार गीगीवाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा।
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