- किसी भी अभिक्रिया में, अभिकारकों और उत्पादों के द्रव्यमानों का योग अपरिवर्तनीय होता है। यह द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहलाता है।
- एक शुद्ध रासायनिक यौगिक में तत्व हमेशा द्रव्यमान के निश्चित अनुपात में विद्यमान होते हैं। इसे निश्चित अनुपात का नियम कहते हैं।
- तत्व का सूक्ष्मतम कण परमाणु होता है, जो स्वतंत्र रूप से रह सकता है तथा उसके सभी रासायनिक गुणधर्मों को प्रदर्शित करता है।
- अणु, किसी तत्व अथवा यौगिक का वह सूक्ष्मतम कण होता है जो सामान्य दशाओं में स्वतंत्र रह सकता है। यह पदार्थ के सभी गुणधर्मो को प्रदर्शित करता है।
- किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके सभी संघटक तत्वों तथा संयोग करने वाले सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या को दर्शाता है।
- परमाणुओं का वह पुंज, जो आयन की तरह व्यवहार करता है, उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं। उनके ऊपर एक निश्चित आवेश होता है।
- आणविक यौगिकों के रासायनिक सूत्र प्रत्येक तत्व की संयोजकता द्वारा निर्धारित होते हैं।
- आयनिक यौगिकों में, प्रत्येक आयन के ऊपर आवेशों की संख्या द्वारा यौगिक के रासायनिक सूत्र ज्ञात करते हैं।
- वैज्ञानिक भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमानों की तुलना करने के लिए सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान स्केल का उपयोग करते हैं। कार्बन-12 समस्थानिक (आइसोटोप) के परमाणु का सापेक्ष द्रव्यमान 12 निर्दिष्ट किया जाता है। अन्य सभी तत्वों के परमाणुओं का सापेक्ष द्रव्यमान कार्बन-12 परमाणु के द्रव्यमान के साथ तुलना करके प्राप्त करते हैं।
- 022 × 1023 आवोगाद्रो स्थिरांक है, जो कि 12 g में विद्यमान कार्बन-12 के परमाणुओं की संख्या है।
- मोल, पदार्थ की वह मात्रा है जिसमें कणों की संख्या (परमाणु, आयन, अणु या सूत्र इकाई इत्यादि) कार्बन-12 के ठीक 12 g में विद्यमान परमाणुओं के बराबर होती है।
- पदार्थ के एक मोल अणु का द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान कहलाता है।
- इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉन की खोज क्रमशः जे.जे. थॉमसन और ई. गोल्डस्टीन ने की।
- जे.जे. थॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि इलेक्ट्रॉन धनात्मक गोले में धंसे होते हैं।
- रदरफोर्ड के अल्फा कणों के प्रकीर्णन प्रयोग ने परमाणु केंद्रक की खोज की।
- रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल ने प्रस्तावित किया कि परमाणु के अंदर बहुत छोटा केंद्रक होता है और इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर घूमते हैं। परमाणु की स्थिरता की इस मॉडल से व्याख्या नहीं की जा सकी है।
- नील बोर द्वारा दिया गया परमाणु का मॉडल अधिक सफल था। उन्होंने प्रस्तावित किया कि इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर निश्चित ऊर्जा के साथ अलग-अलग कक्षाओं में वितरित हैं। अगर परमाणु की सबसे बाहरी कक्षाएँ भर जाती हैं, तो परमाणु स्थिर होगा और कम क्रियाशील होगा।
- जे. चैडविक ने परमाणु के अंदर न्यूट्रॉन की उपस्थिति को खोजा। इस प्रकार परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण हैं- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन। इलेक्ट्रॉन ऋण आवेशित होते हैं, प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन अनावेशित होते हैं। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान, हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के 1/2000 गुणा होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन में प्रत्येक का द्रव्यमान एक इकाई लिया जाता है।
- परमाणु के कक्षों में K,L,M,N…….. नाम दिया गया है।
- संयोजकता परमाणु की संयोजन शक्ति है।
- एक तत्व की परमाणु संख्या, केंद्रक में विद्यमान प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होती है।
- परमाणु की द्रव्यमान संख्या, केंद्रक में विद्यमान न्यूक्लियानों की संख्या के बराबर होती है।
- समस्थानिक एक ही तत्व के परमाणु हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
- समभारिक वे परमाणु हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या समान, लेकिन परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
- तत्वों को उनके प्रोटॉनों की संख्या के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है।
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