प्रोटीन Proteins

प्रोटीन अत्यन्त जटिल नाइट्रोजन युक्त पदार्थ है जिसकी रचना लगभग 20 ऐमीनो अम्लों (Amino acids) के भिन्न-भिन्न संयोगों से होती है। ये ऐमीनो अम्ल शरीर के उचित पोषण के लिए नितांत ही आवश्यक है।

प्रोटीन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम जे० बर्जीलियस (1938 ई०) ने किया था। प्रोटीन मानव शरीर का केवल संरचनात्मक पदार्थ ही नहीं है, वरन यह अन्य प्रकायों को भी सम्पन्न करते हैं। मानव शरीर का लगभग 15% भाग प्रोटीन से बना होता है। प्रोटीन शारीरिक वृद्धि एवं प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है। भोजन में इनकी कमी से शारीरिक एवं मानसिक वृद्धि रुक जाती है। प्रोटीन की कमी से शिशुओं में सूखा रोग (मेरास्मस) तथा क्वाशियोरकॉर नामक रोग हो जाता है।

प्रोटीन के प्रकार: प्रोटीन सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं

(a) सरल प्रोटीन (simple protein): ऐसे प्रोटीन जो केवल एमीनों अम्लों से बने होते हैं, सरल प्रोटीन कहलाते हैं। जैसे-एल्ब्यूमिन, एल्ब्यूमिनाएड, ग्लोब्यूलिन आदि।

(b) संयुग्मी प्रोटीन (Conjugated protein): ऐसा प्रोटीन जिनका संयोजन प्रोटीन के अतिरिक्त अन्य किसी अणु से भी रहता है, संयुग्मी प्रोटीन कहलाता है। जैसे- न्यूक्लियोप्रोटीन, ग्लाइकोप्रोटीन, फॉस्फोप्रोटीन आदि।

(c) व्युत्पन्न प्रोटीन (Derived protein): वैसे प्रोटीन जो प्राकृतिक प्रोटीन के आंशिक जलीय अपघटन से प्राप्त होते हैं, व्युत्पन्न प्रोटीन कहलाते हैं।

प्रोटीन के कार्य

 

  1. यह कोशिकाओं की वृद्धि एवं मरम्मत करती है।
  2. अनेक जटिल प्रोटीन मेटाबोलिक प्रक्रियाओं में एंजाइम का कार्य करते हैं।
  3. कुछ प्रोटीन हार्मोन के संश्लेषण में भाग लेते हैं।
  4. हीमोग्लोबिन के रूप में यह शरीर में गैसीय संवहन का कार्य करता है।
  5. यह एन्टीबॉडीज के रूप में शरीर की सुरक्षा करता है।

प्रोटीन के स्रोत: प्रोटीन के प्रमुख स्रोत दूध, अण्डा, कली, बादाम, दाल, सोयाबीन, पनीर, माँस, मछली, अण्डे की जर्दी आदि हैं। 

प्रोटीन के कार्य
प्रोटीन के प्रकार              प्रकार्य
एंजाइमजैव उत्प्रेरक, शरीर में लगातार होने वाली जैव रासायनिक प्रक्रियाओं में सहायता करता है।
परिवहन प्रोटीनयह रक्त में विभिन्न पदार्थों को विभिन्न ऊतकों तक ले जाता है।
संकुचनशील प्रोटीनयह गति तथा चलन के लिए मांसपेशियों का संकुचन करता है।
हार्मोनकुछ हार्मोन प्रोटीन होते हैं। ये हार्मोन अनेक शारीरिक प्रकार्य को नियंत्रित करते हैं।
संरचनात्मक प्रोटीनये कोशिकाओं तथा ऊतकों में संरचनात्मक भाग बनाते हैं।
रक्षात्मक प्रोटीनयह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। जैसे-प्रतिजैविक ।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url
sr7themes.eu.org