राष्ट्रपति ने 'गांधी शांति पुरस्कार' प्रदान किये

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कल राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में वर्ष 2015, 2016, 2017 और 2018 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करेंगे। समारोह में पुरस्कार विजेताओं का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे। पुरस्कार विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं:

  1. वर्ष 2015 के लिए विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी
  2. वर्ष 2016 के लिए संयुक्त रूप से अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल
  3. वर्ष 2017 के लिए एकल अभियान न्यास
  4. वर्ष 2018 के लिए श्री योहेई ससाकावा
(पुरस्कार विजेताओं के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें) अहिंसा के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए गांधी शांति पुरस्कार वर्ष 1995 में गठित किए गए थे। पुरस्कार के तहत एक करोड़ रुपये और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाते हैं। संस्कृति मंत्रालय, प्रक्रिया संहिता के अध्याय IV की धारा 1 के प्रावधानों के अनुसार व्यक्तियों/संगठनों का नामांकन आमंत्रित करता है। पुरस्कार दो व्यक्तियों/संस्थानों के बीच निर्णायक मंडल के विचारानुसार बांटे जा सकते हैं, जो समान वर्ष में इस पुरस्कार के लिए पात्र होंगे। पुरस्कार के लिए मृत व्यक्ति के योगदान पर विचार नहीं किया जाता। यदि प्रस्ताव को निर्णायक मंडल को भेजे जाने के बाद किसी की मृत्यु हो जाती है, तो प्रक्रिया संहिता में उल्लिखित प्रावधानों के अनुरूप विचार किया जाता है। इसके बाद पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया जा सकता है। गांधी शांति पुरस्कार की प्रक्रिया संहिता के अध्याय VI के पैरा-2 के अनुरूप निर्णायक मंडल में निम्नलिखित लोग शामिल होते हैं-
1. प्रधानमंत्री अध्यक्ष (पदेन)
2. भारत के मुख्य न्यायाधीश सदस्य (पदेन)
3. लोकसभा में मान्यता प्राप्त नेता प्रतिपक्ष या जब नेता प्रतिपक्ष न हो तो सदन में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता सदस्य (पदेन)
4. प्रतिष्ठित व्यक्ति मनोनीत सदस्य
5. प्रतिष्ठित व्यक्ति मनोनीत सदस्य
3 मई, 2017 से 2 मई, 2020 तक के तीन वर्षों की अवधि के लिए निर्णायक मंडल के अध्यक्ष प्रधानमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन और संसद सदस्य श्री लालकृष्ण आडवाणी को निर्णायक मंडल का सदस्य मनोनीत किया है। यह वार्षिक पुरस्कार उन व्यक्तियों, संघों, संस्थानों या संगठनों को दिए जाते हैं, जिन्होंने शांति, अहिंसा और मानव पीड़ा, विशेषकर समाज के वंचित वर्गों की पीड़ा दूर करने तथा सामाजिक न्याय और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में निस्वार्थ सेवा की हो। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, आस्था या लिंग के इतर सभी व्यक्तियों के लिए खुला है। आमतौर पर मनोनयन के पूर्व 10 वर्षों के दौरान किए जाने वाले योगदानों पर विचार किया जाता है। पुराने योगदानों पर भी उस स्थिति में विचार किया जा सकता है, जब उनका महत्व हाल में भी कायम रहे। पूर्व पुरस्कार विजेता वर्ष 1995 में प्रारंभ हो जाने के समय से पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों और संगठनों का ब्यौरा इस प्रकार है- वर्ष पुरस्कार विजेता
  • 1995  डॉ. जूलियस के. न्येरेरे, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति
  • 1996  डॉ. ए.टी अरियारत्ने, श्रीलंका के सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष
  • 1997  डॉ. जेरहार्ड फिशर, जर्मनी
  • 1998 राम कृष्ण मिशन, भारत
  • 1999  बाबा आम्टे (मुरलीधर देवीदास आम्टे), भारत
  • 2000  डॉ. नेल्सन मंडेला और ग्रामीण बैंक, बांग्लादेश (संयुक्त)
  • 2001  डॉ. जॉन ह्यूम, आयरलैंड
  • 2002  भारतीय विद्या भवन
  • 2003  श्री वाकलाव हेवेल, चेकस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति
  • 2005  आर्कबिशप डेसमंड टूटू, दक्षिण अफ्रीका
  • 2013  श्री चंडी प्रसाद भट्ट
  • 2014  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
वर्ष 2004, 2006, 2007, 2008, 2009, 2010, 2011 और 2012 में पुरस्कार नहीं दिए गए थे।
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