राजस्थान के जनजातीय आंदोलन - Raj GK in Hindi
नमस्कार दोस्तों आपका Raj GK में स्वागत है आज हम राजस्थान के जनजातीय आंदोलन Raj GK ( janjati andolan in rajasthan ) भगत आंदोलन, एकी आंदोलन, भोमट भील आंदोलन, मीणा आंदोलन के बारे में संपूर्ण जानकारी Hindi में हासिल करेगी
राजस्थान के जनजातीय आंदोलन – Raj GK in Hindi
- मेवाड राज्य का दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र भोमट कहलाता है ।
- भील जनजाति दक्षिणी राजस्थान के मेवाड, सिरोही, डूंगरपुर व बांसवाडा आदि में रहती है ।
- इस क्षेत्र मे जनजातियों पर नियंत्रण रखने के लिए व शांति स्थापित करने के लिए 1841 में मेवाड़ भील कोर का गठन किया गया और खेरवाड़ा को मुख्य कैन्द्र बनाया गया ।
- भीलों में धर्म सुधारक व समाज सुधारकों में सुरजी भगत व गुरू गोबिन्द गिरी के नाम प्रसिद्ध है ।
- इनसे पहले मावजी व सुरजी नामक संतों ने इस प्रकार का जनजातीय आंदोलन चलाया था ।
भगत आंदोलन
- भगत आंदोलन की शुरूआत गुरू गोबिन्द गिरी ने की ।
- गुरू गोबिन्द गिरी को भीलों का प्रथम उद्धारक कहा जाता हे ।
- गुरू गोबिन्द गिरी का जन्म 20 अक्टूबर 1858 में डूंगरपुर के बासिया गाँव में एक बंजारा परिवार में हुआ ।
- ये दयानंद सरस्वती से प्रेरित होकर आदिवासियों की सेवा में लगे ।
- भगत आन्दोलन भीलों के सामाजिक उत्थान के लिए किया गया पहला आदोलन था
- भीलों को शोषण के विरूद्ध संगठित करने तथा भीलों की सामाजिक कुरितियों को दूर करने के लिए 1883 ईस्वी मे गोविंद गिरी ने सिरोही में सम्पसभा की स्थापना की ।
- गुरू गोविंद गिरि ने सम्पसभा का प्रथम अधिवेशन सन 1903 में मानगढ़ की पहाडी भूखिया गांव ( बाँसवाड़ा ) के पास किया और प्रतिवर्ष यह अधिवेशन आश्विन शुक्ल को इसी पहाडी पर होने लगा ।
- 7 दिसम्बर 1908 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मानगढ़ पहाडी पर अंग्रेजों द्वारा फायरिंग में 1500 भील मारे गए ।
- मानगढ़ हत्याकांड को राजस्थान का जलिथावाला हत्याकाण्ड भी कहा जाता है ।
- 1913 से मानगढ़ पहाडी पर मानगढ़ धाम का मेला लगता है । जो आश्विन पूर्णिमा को भरता है ।
एकी आंदोलन भोमट भील आंदोलन
- भोमट क्षेत्र भीलों का निवास क्षेत्र कहलाता है ।
- एकी आन्दोलन की शुरूआत 1920-21 ईंस्वी में बेशाख पूर्णिमा को मोतीलाल तेजाव्रत द्वारा मातृकृण्डिया ( राशमी तहसील) चित्तोंडगढ़ में हुई एकी आंदोलन का मोतीलाल त्तेजावत ने सर्वप्रथम झाडोल में श्रीगणेश किया ।
- इसके लिए 5 व्यक्तियों का चयन किया गया
- आला लौहार
- नीला शंकर ब्राह्मण
- कृष्ण जोशी
- लच्छी राम साधु
- अंबावा कुम्हार
- एकी आदोलन के दौरान मोती लाल त्तेजावत ने मेवाड़ पुकार पुस्तिका तैयार की ।
- जिसके द्वारा भीलों की 21 मागे रखी गई ।
- पाल छितलिया गांव (सिरोही ) में 1922 में मेजर प्रिचर्ड ने आदिवासियों पर गोलियां चलाईं ।
- भविष्य पत्रिका के राजस्थान के सेवा संघ के सचिव श्री रामनारायण चौधरी को घटना स्थल की जांच करने का कार्य सौंपा गया ।
- इस जनजातीय आंदोलन का नेतृत्व मणिलाल कोठारी ने किया ।
- 7 मार्च 1922 को निमडा चित्तौड़गढ़ रियासत की सेना ने गोलियां चलाईं जिसमें 1200 भील मारे गए।
- इसे दूसरा जलियांवाला हत्याकाण्ड कहते है ।
- मोतीलाल तेजावत को बावजी के नाम से जानते है तथा आदिवासियों का मसीहा कहते है ।
- मोतीलाल त्तेजावत का जन्म 1887 ईस्वी में मेवाड रियासत की फलासिया तहसील के कौल्यारी गांव में ओसवाल परिवार में हुआ ।
- एकी आदोलन भीलों के अधिकारों के लिए चलाया गया पहला आन्दोलन था ।
- एकी आंदोलन महात्मा गांधी की अहिंसात्मक सत्याग्रह की अनुधारणा के अनुरूप था ।
- 1936 में मोतीलाल तेजावत ने मीलों की सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए वनवासी संघ की स्थापना की ।
मीणा आंदोलन
- 1924 के क्रिमिनल ट्रॉइब्स एक्ट 1930 के जरायम पेशा कानून के द्वारा प्रत्येक मीणा जाति के व्यक्ति को रोजना नजदीकी थाने में उपस्थित दर्ज करानी होती थी ।
- मीणा जाति के उत्थान के लिए 1944 में नीम का थाना ( सीकर ) जेन मुनि मगन सागर (मीणा जाति के गुरू) ने मीणा सम्मेलन की अध्यक्षता की
- जेन मुनि मगन सागर ने राज्य मीणा सुधार समिति का गठन किया ।
- 31 दिसम्बर 1 945 को अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद के उदयपुर मे छठा अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की ।
- इस अधिवेशन में क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट की निंदा की गई
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