प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दिव्यांगजन खेल-कूद केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम,1860 के तहत पंजीकृत किया जाएगा। इसका नाम दिव्यांगजन खेल-कूद केंद्र, ग्वालियर होगा। इस केंद्र को लगभग 170.99 करोड़ रुपये की लागत से पांच वर्ष में निर्मित किया जाएगा।
प्रभाव:
इस केंद्र द्वारा खेल-कूद के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार किए जाने से विभिन्न खेलों में दिव्यांजनों की प्रभावी प्रतिभागिता सुनिश्चित होगी और वे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक सक्षम होंगे। इस केंद्र की स्थापना से दिव्यांजनों के मन में सहजता से समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की भावना पैदा होगी।
विवरण:
इस केंद्र के प्रबंधन और देख-रेख के लिए एक प्रबंध निकाय होगी, जिसके सदस्य 12 से अधिक नहीं होंगे। इनमें से कुछ पदेन सदस्य के तौर पर कार्य करेंगे। इनके अलावा राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स फेडरेशन के विशेषज्ञ और पैरा गेम्स के विशेषज्ञ भी सदस्य होंगे।
पृष्ठभूमि:
दिव्यांगजन अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 की धारा 30 के तहत सरकार के लिए खेलों में दिव्यांजनों की प्रभावी प्रतिभागिता सुनिश्चित करने का विधान किया गया है, जिसमें अन्य बातों के साथ उनके खेल-कूद के लिए ढांचागत सुविधाओं के प्रावधान शामिल हैं। वित्त मंत्री ने वर्ष 2014-15 के अपने बजट भाषण में दिव्यांगजन खेल केंद्र की स्थापना की घोषणा की थी। वर्तमान में देश में दिव्यांगजन के लिए विशिष्ट खेल प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। प्रस्तावित केंद्र की स्थापना से इस कमी को पूरा किया जाएगा। इस केंद्र में दिव्यांगजन सही और विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।