राजस्थान का मारवाड़ राज्य {Marwar State of Rajasthan} राजस्थान GK अध्ययन नोट्स

  • मारवाड़ राजस्थान प्रांत के पश्चिम में थार के मरुस्थल में आंशिक रूप से स्थित है। मारवाड़ संस्कृत के मरूवाट शब्द से बना है जिसका अर्थ है मौत का भूभाग. प्राचीन काल में इस भूभाग को मरूदेश भी कहते थे।
  • 13वीं शताब्दी में राठौड़ मारवाड़ प्रान्तर में आये तथा अपनी वीरता के कारण उन्होंने यहां अपने राज्य की स्थापना की।
  • मारवाड़ में राठौड़ वंश का संस्थापक सीहा (1240-1275) था जो पाली में बस गया था, जिसकी एक तुर्की आक्रमण में मृत्यु हो गयी थी ।
  • राव चूण्डा (1384-1423) राव वीरमदेव का पुत्र था जिसने मण्डौर पर अपनी सत्ता स्थापित की थी ।
  • राव रणमल (1427-38) के बाद उसका पुत्र राव जोधा मारवाड़ का शासक बना ।
  • राव जोधा का जन्म 28 मार्च, 1416 को हुआ था | इनके पिता राव रणमल मारवाड़ के शासक थे। इन्हें जोधपुर शहर की स्थापना के लिए जाना जाता है। इन्होंने ही जोधपु्र का मेहरानगढ़ दुर्ग बनवाया था।
  • राव जोधा के बाद राव सातल, राव सुजा, राव गंगा मारवाड़ के शासक बने
  • राव गंगा के मरणोपरांत राव मालदेव (1532-62) मारवाड़ का शासक बना, जो अपने समय के राजपूताना के सबसे शक्तिशाली शासक माने जाते थे।
  • राव मालदेव ने शेरशाह से भी युद्ध किया जहाँ शेरशाह ने कूटनीति का सहारा लेते हुए मालदेव के शिविर में यह भ्रांति फैला दी कि उसके सरदार उसके साथ नहीं हैं। इससे मालदेव ने निराश होकर बिना युद्ध किये वापस होने का निर्णय कर लिया।
  • अत्याधिक कठिनाई से मिली सेमल को विजय के बाद शेरशाह ने कहा कि- “मैं मुट्ठी भर बाजरे के लिए हिन्दुस्तान के साम्राज्य को प्रायः खो चुका था।”
  • राव मालदेव की मृत्यु के बाद उनका पुत्र राव चंद्रसेन मारवाड़ का शासक बना, जिसे अकबर के साम्राज्यवाद का सामना करना पड़ा । राव चंद्रसेन राजस्थान का पहला राजपूत शासक था जिसने अकबर की अधीनता मरते दम तक स्वीकार नहीं की एवं 1581 में मृत्यु हो गयी ।
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