- राजस्थान में पशु-सम्पदा का विषेश रुप से आर्थिक महत्व माना गया है। राज्य के कुल क्षेत्रफल का 61 प्रतिशत मरुस्थलीय प्रदेश है, जहाँ जीविकोपार्जन का मुख्य साधन पशुपालन ही है।
- 19 वीं पशुधन जनगणना 2012 के अनुसार राजस्थान में कुल 577.32 लाख पशुधन (मवेशी , भैंस, भेड़ , बकरी, घोड़े और टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट, सुअर ) जिनमें 80.24 लाख पोल्ट्री भी शामिल हैं
- 19 वीं पशुधन जनगणना 2012 के अनुसार राजस्थान में सबसे अधिक पशुधन (972182) उदयपुर जिले में है
- 19 वीं पशुधन जनगणना 2012 के अनुसार राजस्थान में सबसे कम पशुधन (59686) धौलपुर जिले में है
- पशुधन जनगणना 2012 के अनुसार राजस्थान में सर्वाधिक पशुधन घतनत्व (292 प्रति/KM*2) दौसा एवं राजसमन्द में है जबकि न्यूनतम (83 प्रति/KM*2) जैसलमेर में है
- राजस्थान में देश के पशुधन का 7 प्रतिशत था, जिसमें भेड़ों का 25 प्रतिशत अंश पाया जाता है। ऊन में राजस्थान का भारत में अंश 40% है।
- राजस्थान में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का अंश लगभग 10 प्रतिशत होता है।
- राज्य के पशुओं द्वारा भार-वहन शक्ति 35 प्रतिशत है।
- भेड़ के माँस मे राजस्थान का भारत में अंश 30 प्रतिशत है।
राजस्थान GK नोट्स