राजस्थान राज्य में न्यायपालिका (Judiciary in Rajasthan state) राजस्थान GK अध्ययन नोट्स

  • भारत की न्यायपालिका एकीकृत प्रकार की है, जिसके शीर्ष पर उच्चतम न्यायालय स्थापित है। उच्चतम न्यायालय को अन्तिम न्याय-निर्णयन का अधिकार प्राप्त है। प्रत्येक राज्य या कुछ समूह पर उच्च न्यायालय गठित है। उच्च न्यायालय के तहत श्रेणीबद्ध अधीनस्थ न्यायालय हैं।
  • भारत में 24 उच्च न्यायालय हैं, जिनके अधिकार और उत्तरदायित्व सर्वोच्च न्यायालय की अपेक्षा सीमित हैं।
  • दिल्ली एकमात्र ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है जिसके पास उच्च न्यायालय है। अन्य छह केंद्र शासित प्रदेश विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के तहत आते हैं।
  • न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के परस्पर मतभेद या विवाद का सुलह राष्ट्रपति करता है।
  • राजस्थान उच्च न्यायालय भारत के राजस्थान प्रान्त का न्यायालय हैं। इसका मुख्यालय जोधपुर मे हैं।
  • यह 21 जून 1949 को राजस्थान उच्च न्यायालय अध्यादेश, 1949 के अंतर्गत स्थापित किया गया। इसकी एक खण्डपीट जयपुर में भी स्थित है!
  • राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खंडपीठ की स्थापन 31 जनवरी 1977 में की गयी थी
  • प्रत्येक राज्य न्यायिक जिलों में विभाजित है। इनका प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश होता है। जिला एवं सत्र न्यायालय उस क्षेत्र की सबसे बड़ी अदालत होती है और सभी मामलों की सुनवाई करने में सक्षम होती है, उन मामलों में भी जिनमें मौत की सजा तक सुनाई जा सकती है।
  • जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिले का सबसे बड़ा न्यायिक अधिकारी होता है। उसके तहत दीवानी क्षेत्र की अदालतें होती हैं जिन्हें अलग-अलग राज्यों में मुंसिफ, उप न्यायाधीश, दीवानी न्यायाधीश आदि नाम दिए जाते हैं।
  • इसी तरह आपराधिक प्रकृति के मामलों के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और प्रथम तथा द्वितीय श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट आदि होते हैं।
  • उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति देश के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्त प्रक्रिया वही है सिवा इस बात के कि न्यायाधीशों के नियुक्ति की सिफारिश संबद्ध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश करते हैं।
  • न्यायाधीश बनने की अर्हता यह है कि उसे भारत का नागरिक होना चाहिए, देश में किसी न्यायिक पद पर दस वर्ष का अनुभव होना चाहिए या वह किसी उच्च न्यायालय या इस श्रेणी की दो अदालतों में इतने समय तक वकील के रूप में प्रैक्टिस कर चुका हो।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url
sr7themes.eu.org