राजस्थान के किले / महल Fort and Castle of Rajasthan
1. आमेर का किला
- आमेर का किला जयपुर, राजस्थान के उपनगर आमेर में जयपुर शहर से 11 किमी. दूर स्थित है।
- निर्माण: 1592
- निर्माण कर्ता: राजा मानसिंह प्रथम तत्पश्चात सवाई जयसिंह द्वारा अनेक योगदान व सुधार
- निर्माण सामग्री: लाल बलुआ पत्थर पाषाण एवं संगमर्मर
- यह मुगलों और हिन्दूओं के वास्तुशिल्प का मिलाजुला और अद्वितीय नमूना है।
2. चित्तौड़गढ़ का दुर्ग
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है।
- इस किले का निर्माण मौर्यवंशीय राजा चित्रांगद ने सातवीं शताब्दी में करवाया था और इसे अपने नाम पर चित्रकूट के रुप में बसाया।
- सन् 738 में गुहिलवंशी राजा बाप्पा रावल ने राजपूताने पर राज्य करने वाले मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोरी को हराकर यह किला अपने अधिकार में कर लिया।
- मालवा के परमार राजा मुंज ने इसे गुहिलवंशियों से छीनकर अपने राज्य में मिला लिया। इस प्रकार 9-10वीं शताब्दी में इस पर परमारों का आधिपत्य रहा।
- चित्तौड़गढ़ किले के बारे में कहा जाता है “गढ़ तो चित्तौड़गढ़ और सब गढ़ैया”
3. मेहरानगढ़ का किला
- मेहरानगढ़ का किला जोधपुर में स्थित है
- राव जोधा ने 12 मई 1459 को इस पहाडी पर किले की नीव डाली महाराज जसवंत सिंह (1638-78) ने इसे पूरा किया।
- मूल रूप से किले के सात द्वार (पोल) (आठवाँ द्वार गुप्त है) हैं। प्रथम द्वार पर हाथियों के हमले से बचाव के लिए नुकीली कीलें लगी हैं।
- पन्द्रहवी शताब्दी का यह विशालकाय किला, पथरीली चट्टान पहाड़ी (चिड़िया टूंक) पर, मैदान से 125मीटर ऊँचाई पर स्थित है
4. कुम्भलगढ़ दुर्ग
- यह किला उदयपुर से 70 किमी दूर कुम्भलगढ़, राजसमन्द जिले में स्थित है।
- इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने कराया था। इस किले को ‘अजेयगढ’ कहा जाता था क्योंकि इस किले पर विजय प्राप्त करना दुष्कर कार्य था।
- इस दुर्ग का निर्माण सम्राट अशोक के द्वितीय पुत्र संप्रति के बनाये दुर्ग के अवशेषों पर 1443 से शुरू होकर 15 वर्षों बाद 1458 में पूरा हुआ था।
- वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बने इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर, जलाशय, बाहर जाने के लिए संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें, यज्ञ वेदी, स्तम्भ, छत्रियां आदि बने है।
- माड गायक इस दुर्ग की प्रशंसा में अक्सर गीत गाते है :
- कुम्भलगढ़ कटारगढ़ पाजिज अवलन फेर।
- संवली मत दे साजना, बसुंज, कुम्भल्मेर॥
5. रणथंभोर दुर्ग, सवाईमाधोपुर
- रणथंभोर दुर्ग दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से 13 कि॰मी॰ दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच समुद्रतल से 481 मीटर ऊंचाई पर 12 कि॰मी॰ की परिधि में बना है।
- इतिहासकारों के अनुसार इस दुर्ग का निर्माण चौहान राजा रणथंबन देव द्वारा 944 में निर्मित मानते है, इस किले का अधिकांश निर्माण कार्य चौहान राजाओं के शासन काल में ही हुआ है।
- रणथंभोर दुर्ग पर आक्रमणों की भी लम्बी दास्तान रही है जिसकी शुरुआत दिल्ली के कुतुबुद्दीन ऐबक से हुई और मुगल बादशाह अकबर तक चलती रही |
- दुर्ग के तीनो और पहाडों में प्राकृतिक खाई बनी है जो इस किले की सुरक्षा को मजबूत कर अजेय बनाती है।
6. जूनागढ़ क़िला बीकानेर
- जूनागढ़ क़िला राजस्थान राज्य के बीकानेर शहर में स्थित है।
- जूनागढ़ क़िले का निर्माण सन् 1588 से 1593 के बीच किया गया था।
- इस किले की स्थापना अकबर की सेना के एक सेनापति राजा राय सिंह ने 1593 में की परन्तु इसे आधुनिक रूप महाराजा गंगा सिंह ने दिया
- इसमें कई आकर्षक महल हैं, लाल बलुए एवं संगमरमर पत्थर से बने महल प्रांगण, छज्जों, छतरियों व खिड़कियाँ जो सभी इमारतों में फैली हुई है।
- इस क़िले के चारों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवार के साथ 37 सुरक्षा चौकियाँ भी हैं।
- क़िले को दो मुख्य दरवाज़े हैं, जिसे दौलतपोल और सुराजपोल कहा जाता है। दोलतपोल में सती हुई राजपूत महिलाओं के हाथों की छाप है।
- इस क़िले के अंदर अनेक खुबसूरत महल भी हैं। इनमें से अनूप महल, दिवान-ए-ख़ास, हवा महल, बादल महल, चंद्र महल, फूल महल, रंग महल, दुंगर महल और गंगा महल आदि प्रमुख हैं।
7. सिटी पैलेस, जयपुर
- सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1729 से 1732 ई. के मध्य कराया था।
- राजपूत और मुग़ल स्थाणपत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्या।त हुआ।
- सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक महल परिसर है।
- सिटी पैलेस की भवन शैली राजपूत, मुग़ल और यूरोपियन शैलियों का अतुल्य मिश्रण है।
- लाल और गुलाबी सेंडस्टोन से निर्मित इन इमारतों में पत्थर पर की गई बारीक कटाई और दीवारों पर की गई चित्रकारी मन मोह लेती है।
8. सिटी पैलेस, उदयपुर
- सिटी पैलेस काम्प,लेक्स राजस्थान राज्य के ख़ूबसूरत शहर उदयपुर का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है।
- उदयपुर में सिटी पैलेस की स्थासपना 16वीं शताब्दी में आरम्भर हुई।
- सिटी पैलेस को स्थालपित करने का विचार एक संत ने राणा उदयसिंह को दिया था। इस प्रकार यह परिसर 400 वर्षों में बने भवनों का समूह है।
- यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था।
- सिटी पैलेस परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य2 ‘त्रिपोलिया गेट’ दिखेगा।
- इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है।
9. लोहागढ़ क़िला, भरतपुर
- इस किले का निर्माता, जाट राजा सूरजमल ने अठारहवीं सदी में किया था ।
- भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग भी ऐसा ही दुर्ग है, जिसने राजस्थान के जाट शासकों का वर्षों तक संरक्षण किया।
- छह बार इस दुर्ग को घेरा गया, लेकिन आखिर शत्रु को हारकर पीछे हटना पड़ा। लोहे जैसी मज़बूती के कारण ही इस दुर्ग को ‘लोहागढ़’ कहा जाता है।
- सुरक्षा को और अधिक पुख्ता करने के लिए लोहागढ़ के चारों ओर गहरी खाई खुदवाकर पानी भरवाया गया। आज भी इस दुर्ग के चारों ओर खाई और पानी मौजूद है।
- यह क़िला दो ओर से मिट्टी की दीवारों से सुरक्षित किया गया था। इन मिट्टी की दीवारों पर तोप के गोलों और गोलियों का असर नहीं होता था और इनके अंदर छुपा दुर्ग सुरक्षित रहता था।
- मिट्टी की दीवारों से इतनी पुख्ता सुरक्षा के कारण एक कहावत घर-घर में चल पड़ी थी कि “जाट मिट्टी से भी सुरक्षा के उपाय खोज लेते हैं।”
राजस्थान के किले- महत्वपूर्ण तथ्य:
- राजस्थान के 6 किलों को जून 2013 में UNESCO विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है।
- UNESCO विश्व धरोहर के 6 किले: जयपुर का आमेर किला, चित्तौड़गढ़ किला, कुंभलगढ़ किला, रणथंभौर किला, गागरौन किला और जैसलमेर किला
अन्य महत्वपूर्ण किले
- अचलगढ किला, सिरोही = परमार शासक ने बनवाया (900 ई)
- अहिछत्रगढ़ किला, नागौर = चौथी शताब्दी
- जालौर दुर्ग, जालौर = परमार राजा ने बनवाया
- जयगढ़ दुर्ग, जयपुर= सवाई जयसिंह ने बनवाया (1726)
- खिमसर किला, सिरोही = करम सिंह ने बनवाया (सोलहवीं शताब्दी)
- नीमराना दुर्ग, अलवर = चौहान शासक ने बनवाया (14वीं शताब्दी)
- विजय पैलेस, अलवर = विजयसिंह ने बनवाया (1918)
- सावन भादो महल = शाहबाद दुर्ग, बारां
- फुलवाड़ी महल = वैर, भरतपुर
- गोपाल महल = भरतपुर
- सुख महल = बूंदी के जैतसागर झील के किनारे
- उम्मीद भवन पैलेस (छीतर पैलेस), जोधपुर = महाराजा उम्मेदसिंह ने अकाल राहत कार्य के रूप में बनवाया (1928-1940)
- हवामहल, जयपुर = सवाई प्रतापसिंह (1799)
- सिसोदिया रानी का महल, जयपुर = सवाई जयसिंह (1730)
- सज्जनगढ़ पैलेस, उदयपुर = बांसदर्रा पहाड़ी पर स्थित है
- राई का बाग़ पैलेस, जोधपुर = जसवंत सिंह-I ने बनवाया (1663)
- अबली मीणी का महल, कोटा = मुकुंद सिंह हाड़ा ने बनवाया