- कुछ विद्वानों के अनुसार इस शैली का शुभारम्भ 1600 ई. में भागवत पुराण के चित्रों से मानते हैं।
- राग मेख मल्हार का 1606 ई. में चित्रित चित्र को भी बीकानेर का माना जाता है।
- मारवाड़ शैली से सम्बंधित बीकानेर शैली का समृद्ध रुप अनूपसिंह के शासन काल में मिलता है। उस समय के प्रसिद्ध कलाकारों में रामलाल, अजीरजा, हसन आदि के नाम विशेषत रुप से उल्लेखनीय हैं।
- इस शैली में पंजाब की कलम का प्रभाव भी देखा गया है क्यों कि अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण बीकानेर उत्तरी प्रदेशों से प्रभावित रहा है।
- दक्षिण से अपेक्षतया दूर होने के बाबजूद यहाँ फब्वारों, दरबार के दिखावों आदि में दक्षिण शैली का प्रभाव मिलता है क्यों कि यहाँ के शासकों की नियुक्ति दक्षिण में बहुत समय तक रही।
- इस शैली की सबसे प्रमुख विशेषता है मुस्लिम कलाकारों द्वारा हिन्दू धर्म से सम्बन्धित एवं पौराणिक विषयों पर चित्रांकन करना।
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