केशिकत्व Capillarity

केशनली (Capillary Tube) में द्रव के ऊपर चढ़ने या नीचे उतरने की घटना को केशिकत्व कहते हैं। केशनली एक बहुत ही कम एवं एकसमान त्रिज्या वाली एक खोखली नली होती है। केशनली में कोई भी द्रव किस सीमा तक चढ़ेगा, यह केशनली की त्रिज्या पर निर्भर करता है। सामान्यतः जो द्रव कांच को भिगोता है, वह केशनली में ऊपर चढ़ जाता है और जो द्रव काँच को नहीं भिगोता वह नीचे उतर जाता है। जैसे- जब केशनली को पानी में डुबाया जाता है, तो पानी ऊपर चढ़ जाता है और पानी की सतह केशनली में धंसा हुआ रहता है। इसके विपरीत जब केशनली को पारे में डुबाया जाता है, तो पारा केशनली में बर्तन में रखे पारे की सतह से नीचे ही रहता है और केशनली में पारा का सतह उभरा हुआ रहता है।

नली जितनी पतली होगी द्रव उतनी ही अधिक ऊँचाई तक चढ़ेगा। शुद्ध जल केशनली में ऊपर चढ़ जाता है और पारा केशनली में नीचे गिर जाता है।

केशिकत्व का उदाहरण:

(1) ब्लॉटिंग पेपर स्याही को शीघ्र सोख लेता है, क्योंकि इसमें बने छोटे-छोटे छिद्र केशनली की तरह कार्य करती हैं ।

(ii) लालटेन या लैम्प की बत्ती में केशिकत्व के कारण ही तेल ऊपर चढ़ता है।

(iii) पेड़-पौधों की शाखाओं, तनों एवं पत्तियों तक जल और आवश्यक लवण केशिकत्व की क्रिया के द्वारा ही पहुँचते हैं।

(iv) कृत्रिम उपग्रह के अन्दर (भारहीनता की अवस्था) यदि किसी केशनली को जल में खड़ा किया जाए, तो नली में चढ़ने वाले जल स्तम्भ का प्रभावी भार शून्य होने के कारण जल नली के दूसरे सिरे तक पहुँच जाएगा चाहे केशनली कितनी भी लम्बी क्यों न हो।

 

(v) वर्षा के बाद किसान अपने खेतों की जुताई कर देते हैं, ताकि मिट्टी में बनी केशनलियाँ टूट जाएँ और पानी ऊपर न आ सके व मिट्टी में नमी बनी रहे।

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