तारे टूटते हुए क्यो दिखाई देते है?
अन्तरिक्ष में अनेकों बड़ी-बड़ी रचनाएँ उपस्थित है जो पृथ्वी से अरबों किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिन्हें हम तारों के रूप में देखते है। इनके अलावा कुछ पिंड जो पृथ्वी के पास आने पर वायुमंडल में प्रवेश करते है तो हवा की रगड़ से गर्म होकर जलने लगते है| इसे ही तारा टूटना कहते हैं| अधिकांश उल्कायें वायुमंडल में पूरी तरह जल जाती हैं लेकिन कुछ बड़ी उल्काएं पृथ्वी तक पहुँच जाती हैं उन्हें उल्कापिंड कहते हैं|