राजस्थान में कृषि एवं सिंचाई {Agriculture and Irrigation in Rajasthan} राजस्थान GK अध्ययन नोट्स

  • राजस्थान मुख्यत: एक कृषि व पशुपालन प्रधान राज्य है और अनाज व सब्जियों का निर्यात करता है। अल्प व अनियमित वर्षा के बावजूद, यहाँ लगभग सभी प्रकार की फ़सलें उगाई जाती हैं।
  • राजस्थान में देश का 11 प्रतिषत क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है और राज्य में 50 प्रतिषत सकल सिंचित क्षेत्र है। अधिकांश खेती राज्य में वर्षा पर निर्भर होने के कारण राज्य में कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है।
  • राज्य में गेहूं व जौ का विस्तार अच्छा-ख़ासा (रेगिस्तानी क्षेत्रों को छोड़कर) है, ऐसा ही दलहन (मटर, सेम व मसूर जैसी खाद्य फलियाँ), गन्ना व तिलहन के साथ भी है। चावल की उन्नत किस्मों को लाया गया है एवं चंबल घाटी और इंदिरा गांधी नहर परियोजनाओं के क्षेत्रों में इस फ़सल के कुल क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है।
  • कपास व तंबाकू महत्त्वपूर्ण नक़दी फ़सलें हैं। हांलाकि यहाँ का अधिकांश क्षेत्र शुष्क या अर्द्ध शुष्क है, फिर भी राजस्थान में बड़ी संख्या में पालतू पशू हैं व राजस्थान सर्वाधिक ऊन का उत्पादन करने वाला राज्य है।
  • रबी फसलें: गेहूं जौ, चना, सरसो, मसूर, मटर, अलसी, तारामिरा, सूरजमुखी।
  • खरीफ फसलें: बाजरा, ज्वार, मूंगफली, कपास, मक्का, गन्ना, सोयाबीन, चांवल आदि।
  • जायद फसलें: खरबूजे, तरबूज ककडी
  • रेगिस्तान में नहरों से किसानों को पानी मुहैया कराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन जैसा लग रहा था, लेकिन वर्षों की मेहनत के बाद अब यह सपना सच होता दिख रहा है। राज्य में नहरों का विकास भी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है।
  • इंदिरा गांधी नहर परियोजना: इंदिरा गांधी नहर की शुरुआत 31 मार्च, 1958 में हुई। 1984 से पूर्व में इसे राजस्थान नहर के नाम से भी जाना जाता था। यह राजस्थान के उत्तर-पूर्व हिस्से में बहती है। इस परियोजना के जरिए जहां कभी रेत के धोरे होते थे वहां नहर बन गई और 1741 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित भूमि में तब्दील हो गया। रेत वाले खेतों में हरी फसलें लहलहाने लगीं। इस परियोजना से अब राज्य के साहवा, गजनेर, फलौदी, पोकरण और बांगरसर लिफ्ट परियोजनाओं के कुछ हिस्से में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। खासतौर से चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर एवं नागौर जिलों में इस नहर के पानी का प्रयोग होता हे।
  • नर्मदा नहर परियोजना: नर्मदा नहर परियोजना गुजरात और राजस्थान के बीच एक समन्वय का भी काम करती है। मुख्य नहर का करीब 75 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है। राजस्थान में इस नहर का प्रवेश जालौर जिले के सांचौर तहसील के सीलू गांव से होता है। इस नहर से सिंचाई के अलावा सैकड़ों गांवों को पीने का पानी भी मुहैया कराया जाता है। नर्मदा नहर परियोजना पर फव्वारा सिंचाई पद्धति अनिवार्य की गई है।
  • गंग नहर: राजस्थान में वर्ष 1899 में पड़े भयंकर सूखे को देखते हुए बीकानेर स्टेट के तत्कालीन राजा गंगा सिंह ने नहर खुदाई का काम शुरू कराया, जो 1903 में पूरा हुआ। इसके बाद बीकानेर सहित आसपास के इलाके में इसी नहर से सिंचाई सुविधाएं किसानों को मिलती रहीं। बाद में इस नहर को सतलुज वैली प्रोजेक्ट से जोड़ा गया। अंग्रेजी हुकूमत के कार्यकाल में श्रीगंगानगर सहित आसपास के इलाकों में भी इस नगर से जलापूर्ति की गई।
  • राज्य में भूमि विकास बैंकों का संघीय संगठन है, राज्य स्तर पर राज्य भूमि विकास बैंक है जिस्की स्थापना 26 मार्च 1957 को हुई थी। जिला स्तर पर प्राथमिक भूमि विकास बैंक कार्यरत है। राज्य के 33 जिलो में 36 भूमि विकास बैंक अपनी 133 शाखाओ के माध्यम से दीर्घकालीन ऋण वितरित किये जा रहे है।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url
sr7themes.eu.org